कर्नल सोफिया कुरैशी: भारतीय सेना की लौह महिला और ऑपरेशन सिंदूर की नायिका भारतीय सेना की प्रेरणास्रोत
कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की लौह महिला और एक प्रतिष्ठित अधिकारी हैं, जिन्होंने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई। कर्नल सोफिया कुरैशी के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की मिली कामयाबी से उनकी नेतृत्व क्षमता, समर्पण और साहस ने उन्हें भारतीय सेना में महिलाओं की भूमिका के प्रतीक के रूप में स्थापित किया है।
भारतीय सेना में भर्ती और सेवा का आरंभ
कर्नल सोफिया कुरैशी ने 1999 में भारतीय सेना में सिग्नल कोर के तहत शॉर्ट सर्विस कमीशन के माध्यम से प्रवेश किया। यह वह समय था जब भारतीय सेना में महिलाओं की भूमिका सीमित थी। कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना में अपनी मेहनत और काबिलियत से पुरुषों के बराबर खड़े होकर कई मिशनों में भाग लिया। और उन्हें सफल बनाया |
प्रमुख मिशन–
- (2001-02) ऑपरेशन पराक्रम : यह मिशन भारत-पाक तनाव के दौरान हुआ, जब संसद पर हुए हमले के बाद से भारत ने पाकिस्तान की सीमा पर अपनी फौज तैनात की। इसलिए कर्नल सोफिया कुरैशी को GOC-in-C द्वारा सम्मानित किया गया।
अंतरराष्ट्रीय मिशन –
- कर्नल सोफिया कुरैशी ने 2006 से 2012 तक, संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के तहत कांगो में सेवा दी,जहाँ उन्होंने संघर्ष क्षेत्रों में शांति स्थापना में अपना योगदान दिया। कर्नल सोफिया कुरैशी 2016 में, वह ‘फोर्स 18’ नामक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय दल का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं, जिसमें 18 देशों ने भाग लिया।
ऑपरेशन सिंदूर:
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 हिंदू यात्रियों की हत्या के जवाब में, भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया। इस ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के अधिकृत कश्मीर में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। कर्नल सोफिया कुरेशी ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ मिलकर इस ऑपरेशन की जानकारी मीडिया से साँझा की
सार्वजनिक प्रतिक्रिया और सम्मान
इस साहस भरे कदम को उठाने के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी की ब्रीफिंग के बाद, देशभर में उनकी खूब प्रशंसा हुई। कर्नल सोफिया कुरैशी यानि उनकी जुड़वां बहन, डॉ. शाइना सूनसारा, जोकी एक मॉडल, फैशन डिजाइनर है उन्होंने , कहा, “हमने कभी नहीं सोचा था कि वह राष्ट्र को संबोधित करेंगी, लेकिन हमें उन पर गर्व है।” उनकी सास ने भी कहा, “हमने उन्हें टीवी पर देखा और उनकी साहस और आत्मविश्वास पर गर्व महसूस किया।
विवाद और राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस सफलता भरे ऑपरेशन सिंदूर के बाद, मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में विवादास्पद टिप्पणी की, जिसे लेकर राजनीतिक तौर पर पर बहुत आलोचना हुई। तथा इस विवादास्पद टिप्पणी के बाद में, उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए कहा, “मैं उनसे दस बार माफी मांगने को तैयार हूं; मेरे लिए वह मेरी बहन से भी अधिक सम्माननीय हैं। यह घटना एक बार फिर इस बात को रेखांकित करती है कि भारतीय सेना की महिलाओं के प्रति पूरा देश गर्व महसूस करता है और उनके सम्मान के प्रति हमेशा सजग है।
महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत
कर्नल सोफिया कुरैशी का जीवन और करियर भारतीय महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इनका समर्पण, साहस और नेतृत्व यह बताता है की महिलाएं किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं। उनकी यह उपलब्धियां भारतीय सेना में महिलाओं की बढ़ती भूमिका का प्रतीक हैं। कर्नल सोफिया कुरैशी यह साहसभरा कदम उठा कर उन सभी महिलाओ के लिए प्रेरणा स्रोत बन गयी है जो कही न कही किसी कारणों से पीछे रह जाती है |
निष्कर्ष
कर्नल सोफिया कुरैशी की यात्रा एक प्रेरणादायक कहानी है, जो दिखाती है कि कैसे एक महिला अधिकारी ने अपने समर्पण साहस और नेतृत्व से न केवल भारतीय सेना में बल्कि पूरे राष्ट्र में सम्मान प्राप्त किया। उनकी यह उपलब्धियां आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक हैं।